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[८] विषय आदिके तीन निकायोंकी लेश्या चार निकायों के अवान्तर भेद चार निकायों के भेदोंके अवान्तर भेद प्रथम दो निकायोंमें इन्द्रों की संख्याका नियम देवोंमें काम सुख वर्णन भवनवासी और व्यन्तरोंके भेदोंका वर्णन
भवनवासियों के भेद
व्यन्तरोंका विशेष वर्णन ज्योतिष्कों के भेद और उनका विशेष वर्णन निवास स्थान चार ज्योतिप्क काल विभाग का कारण
स्थिर ज्योतिटक मण्डल वैमानिकों के भेद और उनका वर्णन
नैमानिक व उनके भेद वैमानिक देवोंमें जिन विषयों की उत्तरोत्तर अधिकता वहीनता है उनका निर्देश
स्थिति प्रभाव 'सुख धुति लेझ्याविशुद्धि इन्द्रियविषय अवधिविषय गति
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१८
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१८.२