________________
आप्तवाणी श्रेणी-३
खंड : १ आत्म विज्ञान
[१] 'मैं' कौन हूँ?
दुनिया में जानने जैसा, मात्र... जीवन का लक्ष्य क्या है?
'मैं खुद कौन हूँ' यही ढूँढने का लक्ष्य होना चाहिए, अन्य कोई लक्ष्य नहीं होना चाहिए।
यदि मैं कौन हूँ' की खोज कर रहे हों तो वह सही रास्ता है अथवा फिर जो लोग इस खोज में पड़े हुए हैं और औरों को भी 'यही' खोजना सिखा रहे हों, तो वे विचार सही रास्ते पर हैं, ऐसा कहा जाएगा। बाकी, सब तो जाना हुआ ही है न? और जानकर वापस छोड़ना ही है न? कितने ही जन्मों से जानने के ही प्रयत्न किए हैं, लेकिन जो जानना है, वही नहीं जाना।
तमाम शास्त्रों ने एक ही आवाज़ में कहा है कि आत्मज्ञान जानो। अब, आत्मज्ञान पुस्तकों में नहीं होता। आत्मज्ञान ही सिर्फ ऐसा ज्ञान है कि