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आप्तवाणी - ३
सकती। कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी ही रहती है, इसलिए आप सँभलकर चलना। जैसी हो वैसी भले ही हो, 'एडजस्ट एवरीव्हेर'।
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धमकाने की जगह पर आप नहीं धमकाओ, तो वाइफ अधिक सीधी रहती है। जो गुस्सा नहीं करता उसका ताप बहुत सख्त होता है । ये हम किसीको कभी भी डाँटते नहीं हैं, फिर भी हमारा ताप बहुत लगता है।
प्रश्नकर्ता : तो फिर वह सीधी हो जाएगी?
दादाश्री : सीधा होने का मार्ग पहले से यही है । वह कलियुग के लोगों को पुसाता नहीं हैं, लेकिन उसके बगैर छुटकारा भी नहीं है। प्रश्नकर्ता : मगर वह मुश्किल बहुत है ।
दादाश्री : ना, ना वह मुश्किल नहीं है, वही आसान है। गाय के सींग गाय को भारी ।
प्रश्नकर्ता : हमें भी वह मारती है न?
दादाश्री : किसी दिन लग जाता है । वह सींग मारने आए तो ऐसे खिसक जाते हैं, वैसे यहाँ पर भी खिसक जाना है! यह तो मुश्किल कहाँ आती है? मेरी शादी की हुई और मेरी वाइफ । अरे, नहीं है वाइफ और ये हसबैन्ड ही नहीं तो फिर वाइफ होती होगी? यह तो अनाड़ी के खेल हैं! आर्यप्रजा कहाँ रही है आजकल?
सुधारने के बदले सुधरने की ज़रूरत
प्रश्नकर्ता : 'खुद की भूल है' ऐसा स्वीकारकर पत्नी को सुधार नहीं सकते?
दादाश्री : सुधारने के लिए खुद ही सुधरने की ज़रूरत है। किसीको सुधारा ही नहीं जा सकता है । जो सुधारने के प्रयत्नवाले हैं, वे सब अहंकारी हैं। खुद सुधरा मतलब सामनेवाला सुधर ही जाएगा। मैंने ऐसे भी देखे हैं कि जो बाहर सब सुधारने निकले होते हैं और घर में उनकी वाइफ के सामने आबरू नहीं होती । मदर के सामने आबरू नहीं होती। ये किस तरह