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अध्यात्म
सम्पूर्ण ज्ञान का प्रकाश, अज्ञान और मोह का नाश तथा राग और द्वेष का क्षय होने से आत्मा एकान्त सुखमय मोक्ष को प्राप्त होता है।
गुरु और वृद्धों की सेवा करना, अज्ञानी-जनों का दूर से ही वर्जन करना, स्वाध्याय करना, एकान्तवास करना, सूत्र और अर्थ का चिंतन करना तथा धैर्य रखना, यह अध्यात्म का मार्ग है, मोक्ष का मार्ग है।
नाणस्स सव्वस्स पगासणाए, अण्णाणमोहस्स विवज्जणाए । रागस्स दोसस्स य संखएणं, एगंतसोक्खं समुवेइ मोक्खं ।। तस्सेव मग्गो गुरुविद्धसेवा, विवज्जणा बालजणस्स दूरा। सज्झायएगंतनिसेवणा य, सुत्तत्थसंचिंतणया धिई य ॥ उत्तरज्झयणाणि ३२.२,३
Gaauch
२२ फरवरी
२००६
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