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तपोयोग : इन्द्रिय संयम तपोयोग की साधना का तीसरा सूत्र है- इन्द्रिय संयम। इसकी साधना तीन प्रकार से की जा सकती है
१. शब्द, रूप, रस, गंध और स्पर्श-इन इन्द्रिय-विषयों का परित्याग करें।
२. इन इन्द्रिय-विषयों का उपयोग करते हुए इनमें रागद्वेष नहीं रखें। केवल शब्द सुनें किन्तु उसमें राग-द्वेष न करें। इससे श्रोत्रेन्द्रिय का संयम सधता है। इसी प्रकार अन्य इन्द्रियों के संयम भी साधे जा सकते हैं।
३. इन्द्रिय-विषयों के साथ जुड़ने वाले मन को भीतर ले जाएं जिससे बाहर के विषयों का आकर्षण सहज ही समाप्त हो जाए।
१५ मई २००६
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