________________
Da
तपोयोग : स्वाध्याय
आध्यात्मिक विकास के दो सोपान है - स्वाध्याय और
ध्यान ।
Pract
साधना में स्वाध्याय के तीन सूत्र उपयोगी हैं
१. आगम का अध्ययन
२. जप
३. भावना
जरा से जर्जर शरीर के लिए जैसे रसायन उपयोगी होता है वैसे ही धर्म्य ध्यान को पुष्ट करने के लिए मैत्री आदि भावना को रसायन की कोटि में स्थापित किया जा सकता है। इसलिए ध्याता को मैत्री, प्रमोद, करुणा और माध्यस्थ्य- इनका बारबार अभ्यास करना चाहिए ।
मैत्रीप्रमोदकारुण्यमाध्यस्थ्यानि नियोजयेत् । धर्मध्यानमुपस्कर्तुं तद्धि तस्य रसायनम् ।। योगशास्त्र ४.११७
३ जून
२००६
१८०२