Book Title: Jain Yogki Varnmala
Author(s): Mahapragna Acharya, Vishrutvibhashreeji
Publisher: Jain Vishva Bharati Prakashan

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Page 393
________________ काल का कल कल का काम काका काका काल का काम काल का कारण सर्वतोभद्र प्रतिमा भगवान महावीर सानुलट्ठिय गांव में विहार कर रहे थे। वहां भगवान ने भद्र प्रतिमा की साधना प्रारंभ की। वे पूर्व दिशा की ओर मुंह कर कायोत्सर्ग की मुद्रा में खड़े हो गए। चार प्रहर तक ध्यान की अवस्था में खड़े रहे। इसी प्रकार उन्होंने उत्तर, पश्चिम और दक्षिण दिशा की ओर अभिमुख होकर चार-चार प्रहर तक ध्यान किया। इसके बाद भगवान ने महाभद्र प्रतिमा की साधना प्रारंभ की। उसमें उन्होंने चारों दिशाओं में एक-एक दिन-रात तक ध्यान किया। तत्पश्चात् सर्वतोभद्र प्रतिमा की साधना में लीन हो गए। चारों दिशाओं, चारों विदिशाओं, ऊर्ध्व और अधः-इन दसों दिशाओं में एक-एक रात तक ध्यान करते रहे।

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