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ऊर्ध्वस्थान
खड़े होकर किए जाने वाले आसन
१. साधारण-स्तम्भ या भित्ति का सहारा लेकर खड़े होना।
२. सविचार-पूर्वावस्थित स्थान से दूसरे स्थान में जाकर प्रहर, दिवस आदि तक खड़े रहना।
३. सनिरुद्ध-स्व-स्थान में खड़े रहना। ४. व्युत्सर्ग-कायोत्सर्ग करना। ५. समपाद-पैरों को सटाकर खड़े रहना। ६. एकपाद-एक पैर से खड़े रहना।
७. गृद्धोड्डीन-आकाश में उड़ते समय गीध जैसे अपने पंख फैलाता है, वैसे अपनी बाहों को फैला कर खड़े रहना।
२ मई २००६
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