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प्रतिसंलीनता (३) ध्यान की बहुत बड़ी बाधा है चंचलता। चंचलता का हेतु है राग और द्वेष। इस बाधा के निवारण का उपाय है प्रतिसंलीनता।
प्रतिसंलीनता के चार प्रकार हैं१. इन्द्रिय-प्रतिसंलीनता २. कषाय-प्रतिसंलीनता ३. योग-प्रतिसंलीनता ४. विविक्त-शयनासन सेवन
पडिसंलीणया चउव्विहा पण्णत्ता, तं जहा-इंदियपडिसंलीणया कसायपडिसंलीणया जोगपडिसंलीणया विवित्तसयणासणसेवणया।
ओवाइयं ३७
१८ मई २००६