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निर्विचार दिशा
मन में जो विकल्प उठ रहे हैं, उनकी उपेक्षा करें। जो प्रश्न उठते हैं, उनके उत्तर मत दें। जैसे प्रश्न करने वाला व्यक्ति उपेक्षा पाकर ( उत्तर न पाकर ) मौन हो जाता है, वैसे ही मन भी उपेक्षा पाकर (प्रश्नों का उत्तर न पाकर ) शांत हो जाता है।
मन को स्थिर करने का बलात् प्रयत्न न करें । अप्रयत्न से मन सहज ही शांत हो जाता है। शरीर को स्थिर और श्वास को मंद कीजिए। जैसे-जैसे शरीर स्थिर और श्वास मंद होगा, वैसे-वैसे मन अपने आप शांत हो जाएगा ।
GE
१६ नवम्बर
२००६
३४६
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