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ध्यान का क्रम
ध्यान करने वाला साधक एक साथ सिद्धि के द्वार तक नहीं पहुंच सकता। उसे क्रमशः सोपान पंक्ति का आरोहण करना होता है। गंतव्य-स्थल तीन हैं
१. अलक्ष्य २. सूक्ष्म ३. निरालम्ब
ध्यान-साधक पहले लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करे। क्रमशः अलक्ष्य तक पहुंच जाए। वह पहले स्थूल पर ध्यान केन्द्रित करे। क्रमशः सूक्ष्म तक पहुंच जाए। वह पहले आलंबन पर ध्यान केन्द्रित करे। क्रमशः निरालम्ब तक पहुंच जाए।
अलक्ष्यं लक्ष्यसंबन्धात् स्थूलात्सूक्ष्म विचिन्तयेत्। सालम्बाच निरालम्बं तत्त्ववित्तत्त्वमञ्जसा।।
ज्ञानार्णव ३३.४
२३ जुलाई २००६
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