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प्राण संचार कायोत्सर्ग की मुद्रा में लेट जाएं। दोनों पैरों को सटा दें, हाथों को फैलाएं। अंगुलियों को ऊपर की ओर रखें। शरीर को शिथिल करें। दीर्घ श्वास लें। सिर पर ध्यान केन्द्रित कर प्राण के आकर्षण का संकल्प करें। फिर पैरों पर ध्यान कर प्राण के आकर्षण का संकल्प करें। तीसरी बार पूरे शरीर का ध्यान कर शरीर के रोम-रोम से प्राण के आकर्षण का संकल्प करें। इसकी तीन आवृत्तियां करें। प्राणशक्ति का उपयोग चित्त की निर्मलता के लिए करूंगा-इस संकल्प के साथ प्रयोग संपन्न करें।
यह प्रयोग बैठकर अथवा खड़े होकर किया जा सकता है।
२४ दिसम्बर २००६