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पौद्गलिक मन मन के दो रूप हैं१. पौद्गलिक २. ज्ञानात्मक
पौद्गलिक मन द्रव्य मन और ज्ञानात्मक मन भाव मन कहलाता है।
पौद्गलिक मन के विषय में एक उपयोगी संवाद मिलता है। भंते! क्या मन आत्मा है? क्या मन आत्मा से अन्य है? गौतम! मन आत्मा नहीं है। मन आत्मा से अन्य है। भंते! क्या मन रूपी है? क्या मन अरूपी है? गौतम! मन रूपी है। मन अरूपी नहीं है। भंते! क्या मन सचित्त है? क्या मन अचित्त है? गौतम! मन सचित्त नहीं है, मन अचित्त नहीं है। भंते! क्या मन जीव है? क्या मन अजीव है? गौतम! मन जीव नहीं है, मन अजीव है। . आया भंते! मणे? अण्ण मणे? गोयमा! नो आया मणे, अण्णे मणे।
भगवती १३.१२६
१४ नवम्बर २००६