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चैतन्य केन्द्र (२) हमारी चेतना के असंख्य प्रदेश हैं। वे सब चैतन्य केन्द्र हैं, किन्तु कुछ स्थान ऐसे हैं, जहां चैतन्य दूसरे स्थानों की अपेक्षा अधिक सघन होता है। ___विज्ञान की भाषा में हमारा पूरा शरीर विद्युत् चुम्बकीय क्षेत्र (Electromagnetic Field) है। कुछ विशेष स्थानों में विद्युत्
चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता अन्य स्थानों की तुलना में अधिक होती है।
आयुर्वेद की भाषा में चैतन्य केन्द्रों को मर्मस्थान कहते हैं।
प्रेक्षाध्यान के चैतन्य केन्द्र और आयुर्वेद के मर्मस्थानों में स्थान की दृष्टि से और महत्त्व की दृष्टि से अद्भुत समानता है।.
१६ दिसम्बर २००६
FARPAL-DGAD-BAHADGAD- ३७६
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