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रौद्रध्यान के लक्षण
रौद्रध्यान के चार लक्षण बतलाए गए हैं
१. उत्सन्न दोष-प्रायः हिंसा आदि में प्रवृत्त रहना । २. बहुदोष - हिंसादि की विविध प्रवृत्तियों में संलग्न रहना । ३. अज्ञान दोष–अज्ञानवश हिंसा आदि में प्रवृत्त होना । ४. आमरणान्तदोष मरणान्तक हिंसा आदि करने का अनुताप न होना ।
रुद्दस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पण्णत्ता, तं जहा - ओसण्णदोसे, बहुदोसे, अण्णाणदोसे, आमरणंतदोसे ।
ठाणं ४.६४
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३१ अगस्त
२००६
२६६
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