________________
शरीरप्रेक्षा (३)
दीर्घदर्शी साधक देखता है-लोक का अधोभाग विषयवासना में आसक्त होकर शोक आदि से पीड़ित है ।
लोक का ऊर्ध्वभाग भी विषय-वासना में आसक्त होकर शोक से पीड़ित है ।
लोक का मध्यभाग भी विषय-वासना में आसक्त होकर शोक आदि से पीड़ित है।
६ दिसम्बर
२००६
३६६ DDC