________________
कल कल
कल कल का लाल
प्रणव ध्यान नासिका के अग्रभाग पर प्रणव 'ॐ' शून्य '०' अनाहत 'ह' इन तीन (ॐ, ० और ह) का ध्यान करें। इस ध्यान से ज्ञान निर्मल बनता है। अतीन्द्रिय चेतना का आभास होने लगता है। अणिमा, महिमा आदि आठ सिद्धियों का विकास होता है।
'प्रणव', 'शून्य' और 'ह' का ध्यान सफेद रंग में करना चाहिए।
नासाग्रे प्रणवः शून्यम् अनाहतमिति त्रयम्। ध्यायन् गुणाष्टकं लब्ध्वा ज्ञानमाप्नोति निर्मलम्।। शंख-कुन्द-शशांकाभान् त्रीनमून् ध्यायतः सदा। समग्रविषयज्ञान-प्रागल्भ्यं जायते नृणाम् ।।
योगशास्त्र ८.६०,६१
११ अगस्त २००६
FAMDEDGMOGRADGOG4२४१DEOSDOGDALS