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कलकल कलकल कल कल कल कल कल कल कल कारक
तन्मय ध्यान का प्रभाव अर्हत् और सिद्ध के साथ तन्मयता प्राप्त करने पर साधक की तैजसशक्ति बढ़ जाती है। जब वह साधक ध्यान से आविष्ट होता है तो उसे देखकर अनिष्ट करने वाले तत्त्व पलायन कर जाते हैं। सूर्य, चन्द्र आदि महाग्रह प्रकंपित हो जाते हैं, उनका अनिष्ट फल इष्ट में बदल जाता है। भूत, प्रेत आदि दूर भाग जाते हैं। क्रूर व्यक्ति भी क्षण भर में शांत हो जाता है।
तद्ध्यानाविष्टमालोक्य प्रकम्पन्ते महाग्रहाः। नश्यन्ति भूत-शाकिन्यः क्रूराः शाम्यन्ति च क्षणात्।।
तत्त्वानुशासन १६६
२ अगस्त
२००६
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