________________
वीतराग ( २ )
भंते! वीतरागता से जीव क्या प्राप्त करता है ? वीतरागता से जीव स्नेह के अनुबंधनों और तृष्णा के अनुबंधनों का विच्छेद करता है तथा मनोज्ञ शब्द, स्पर्श, रस, रूप और गंध से विरक्त हो जाता है।
वीयरागयाए णं भंते! जीवे किं जणयइ ?
वीयरागयाए णं नेहाणुबंधणाणि तण्हाणुबंधणाणि य वोच्छिंदइ मणुन्नेसु सद्दफरिसरसरूवगंधेसु चेव विरज्जइ । उत्तरज्झयणाणि २०.४६
GGG
३१ मई
२००६
१७७
La