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___ कायोत्सर्ग (२) कायोत्सर्ग के दो प्रकार हैं
१. चेष्टा-कायोत्सर्ग अतिचार शुद्धि के लिए जो किया जाता है।
२. अभिभव-कायोत्सर्ग विशेष विशुद्धि या प्राप्त कष्ट को सहने के लिए जो किया जाता है।
चेष्टा-कायोत्सर्ग का काल उच्छ्वास पर आधृत है। विभिन्न प्रयोजनों से वह आठ, पचीस, सत्ताईस, तीन सौ, पांच सौ और एक हजार आठ उच्छ्वास तक किया जाता है।
अभिभव-कायोत्सर्ग का काल जघन्यतः अंतर्मुहर्त और उत्कृष्टतः एक वर्ष का है। बाहुबलि ने एक वर्ष का कायोत्सर्ग किया था।
सो उस्सग्गो दुविहो चिट्ठाए अभिभवे य नायव्वो। भिक्खायरियाइ पढमो उवसग्गभिजुंजणे विइओ।
आवश्यक नियुक्ति, गाथा १४५२ तत्र चेष्टा कायोत्सर्गोष्ट-पंचविंशति-सप्तविंशति-त्रिशतीपंचशती अष्टोत्तरसहस्रोच्छ्वासान् यावद् भवति। अभिभवकायोत्सर्गस्तु मुहूर्तादारभ्य संवत्सरं यावद् बाहुबलेरिव भवति।
योगशास्त्र, प्रकाश ३, पत्र २५०
२ अक्टूबर २००६
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