Book Title: Tattvartha Sutra Jainagam Samanvay
Author(s): Atmaram Maharaj, Chandrashekhar Shastri
Publisher: Lala Shadiram Gokulchand Jouhari
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से किं तं ओराला तसा पाणा ? चउव्विहा पण्णत्ता, जहा - बेइंदिया तेइंदिया चउरिंदिया पंचेंदिया |
छाया
प्रश्न -
- वह बड़े त्रसजीव कौन से होते हैं ?
उत्तर - वह चार प्रकार के कहे गये हैं - द्वीन्द्रिय, तेइन्द्रिय, चौइन्द्रिय और पंचेन्द्रिय ।
द्वितीयाध्यायः
जीवाभिगम प्रतिपत्ति १ सूत्र २७
अथ किं ते उदाराः साः प्राणिनः १ चतुर्विधाः प्रज्ञप्तास्तद्यथाद्वीन्द्रियाः, श्रीन्द्रियाः, चतुरिन्द्रियाः पञ्चेन्द्रियाः ।
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-
२. १५
कति णं भंते! इंदिया पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचेदिया
पण्णत्ता ।
पञ्चेन्द्रियाणि । "
प्रज्ञापना सूत्र १५ इन्द्रियपद उद्दे० १ सू० १९१ छाया— कति भदन्त ! इन्द्रियाणि प्रज्ञप्तानि । गौतम ! पञ्चेन्द्रियाणि प्रप्तानि ।
छाया
प्रश्न
-भगवन् ! इन्द्रियां कितनी बतलाई गई हैं ?
उत्तर - गौतम ! इन्द्रियां पांच बतलाई गई हैं।
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द्विविधानि । "
२. १६
कइविहा णं भंते! इंदिया पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- दव्विंदिया य भावव्विंदिया य ।
प्रज्ञापना पद १५ उद्देश्य १ कतिविधानि भदन्त ! इन्द्रियाणि प्राप्तोनि १ गौतम ! द्विविधानि तद्यथा - द्रव्येन्द्रियाणि च भावेन्द्रियाणि च ।
प्रश्न
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- भगवन् ! इन्द्रियां कितने प्रकार की बतलाई गई हैं ?.
उत्तर - गौतम ! इन्द्रियां दो प्रकार की बतलाई गई हैं- द्रव्येन्द्रिय और भावेन्द्रिय ।