Book Title: Tattvartha Sutra Jainagam Samanvay
Author(s): Atmaram Maharaj, Chandrashekhar Shastri
Publisher: Lala Shadiram Gokulchand Jouhari
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दशमोऽध्यायः
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भाषा टीका-क्षेत्र, कोल, गति, लिङ्ग, तीर्थ, चारित्र, प्रत्येकबुद्धसिद्ध, बुद्धबोधित सिद्ध, ज्ञान, क्षेत्र, अंतर, अल्पबहुत्व, अवगाहना और संख्या इन अनुयोगों से सिद्धों में भी भेद साधने चाहिये।
संगति-सूत्र में तथा आगम में यहां शब्द साम्य देखने योग्य है।
इति श्री-जैनमुनि-उपाध्याय श्रीमदात्माराम महाराज-संगृहीते
तत्त्वार्थसूत्रजैनाऽऽगमसमन्वये * दशमोऽध्यायः समाप्तः॥१०॥