Book Title: Proceedings and papers of National Seminar on Jainology
Author(s): Yugalkishor Mishra
Publisher: Research Institute of Prakrit Jainology & Ahimsa Mujjaffarpur
View full book text
________________
44
Vaishali Institute Research Bulletin No. 8
वैशाली में महावीर की शरणागत हुई थी। इस प्रकार विदेह और उसकी राजधानी मिथिलापुरी सदियों तक जैन सन्दर्भो से जुड़ी रहीं। किन्तु दुःख का विषय है कि इस विशाल ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक भू-भाग को जैन की अपेक्षा बौद्ध दृष्टि से अधिक देखा गया। अत: इस भू-भाग का विशेष अध्ययन-अनुसन्धान जैन स्थापत्य और मूर्तिकला की दृष्टियों से पुरातात्त्विक सर्वेक्षण तथा उत्खनन के द्वारा किया जाना आवश्यक है।
सन्दर्भ-स्रोत :
१. भारतीय कला को बिहार की देन : डा. बी. पी. सिन्हा २. लिच्छवियों का उत्थान और पतन : डा. शैलेन्द्र श्रीवास्तव ३. हिस्ट्री ऑफ विदेह : डा. योगेन्द्र मिश्र ४. स्टडीज इन जैनिज्म एण्ड बुद्धिज्म इन मिथिला : डा. उपेन्द्र ठाकुर ५. वैशाली अभिनन्दन : ग्रन्थ (द्वि. सं.) : सं. : डा. योगेन्द्र मिश्र ६. बुद्ध, विदेह और मिथिला : सं. डा. प्रफुल्ल कुमार सिंह 'मौन' ७. बोधचक्र : सं. डा. मौन : डा. रामप्रवेश ८. मिथिलापुरी का अभिज्ञान : प्रो. उपेन्द्र झा ९. भारत के दिगम्बर जैनतीर्थ : बलभद्र जैन १०. मिथिलाक सांस्कृतिक इतिहास : प्रो. राधाकृष्ण चौधरी ११. चेचर की प्राचीन मृण्मूर्तियाँ : डा. प्रफुल्ल कुमार सिंह 'मौन' १२. वैशाली-महोत्सव-स्मारिका, स.१९८९, १९९० तथा १९९१ ई. १३. भारतीय प्रतीक विद्या : डा. जनार्दन मिश्र
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org