Book Title: Proceedings and papers of National Seminar on Jainology
Author(s): Yugalkishor Mishra
Publisher: Research Institute of Prakrit Jainology & Ahimsa Mujjaffarpur
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आध्यात्मिक रूपक-काव्य और हिन्दी के जैनकवि
'प्रबोधचन्द्रोदय' का दूसरा महत्त्वपूर्ण अनुवाद महाराज यशवन्तसिंहजी का है । यह अनुवाद गद्य-पद्य मिश्रित व्रजभाषा में है ।
इन दोनों अनुवादों के अतिरिक्त अनाथदास, सुरतिमिश्र, व्रजवासीदास, घासीराम आदि के अनुवाद भी प्रसिद्ध हैं। 'प्रबोधचन्द्रोदय' के अनुवादों की यह परम्परा बीसवीं शती तक चली आयी है। बीसवीं शताब्दी में पं. विजयानन्द त्रिपाठी ने इसका अनुवाद प्रस्तुत किया ।
'ज्ञानसूर्योदय' जैन सम्प्रदाय के सिद्धान्तों पर आधारित है । अतः इसके मुख्य अनुवाद जैनों द्वारा हुए ।
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हिन्दी में कुछ ऐसी भी रचनाएँ हैं, जो मूल ग्रन्थ पर आधारित हैं, किन्तु उनके निर्माण में कवि की प्रतिभा का भी योगदान है। ऐसी रचनाओं में कवि केशवदास रचित 'विज्ञानगीता', जनगोपालदास कृत 'मोह-विवेक-युद्ध', कवि लालदास की रचना 'मोह-विवेक-युद्ध', देवकवि रचित 'देवमाया - प्रपंच' आदि की गणना की जा सकती है ।
आध्यात्मिक रूपक और जैनकवि :
आध्यात्मिक रूपकों के निर्माण-क्षेत्र में हिन्दी के जैन रचनाकारों का योग अप्रतिम है। इस क्षेत्र में महाकवि बनारसीदास, भैया भगवतीदास, पाण्डे जिनदास, कुमुदचन्द्र, अजयराज, सुन्दरदास, पाण्डे रूपचन्द, हर्षकीर्त्ति आदि की गणना की जा सकती है।
हिन्दी - जैन-साहित्य के इतिहास में महाकवि बनारसीदास का स्थान मूर्द्धन्य है । इन्होंने मोहविवेकयुद्ध', परमार्थ - हिंडोलना, अध्यात्मफाग े, तेरह काठिया, भवसिन्धु चतुर्दशी', नाटक समयसार' जैसे आध्यात्मिक रूपक-काव्यों की रचना की है।
‘मोहविवेकयुद्ध' में मोह और विवेक नामक दो प्रकृतियों के संघर्ष के माध्यम से असत् पर सत् की विजय दिखाना रचनाकार का लक्ष्य है। इस रचना के आधार - ग्रन्थ का उल्लेख करते हुए स्वयं कवि ने स्वीकार किया है कि उसने अपने पूर्ववर्ती कवियों मल्ह, लालदास तथा गोपाल की रचनाओं का सार लेकर इस ग्रन्थ की रचना की है।
पूरब भए सु कवि मल्ह लालदास गोपाल । मोहविवेक किए तीन्हि वाणी वचन रसाल ॥ तिनि तीनहु ग्रंथानि महा, सुलप सुलप संधि देख । सारभूत संक्षेप अरु सोधि लेत हौं सेष ॥
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( मोहविवेकयुद्ध पृ. २-३)
'परमार्थ-हिंडोलना' में कवि ने चेतन राजा को हर्ष के हिंडोले पर झूलने और अपरिमित आत्मशान्ति का अनुभव करने की शिक्षा दी है।
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