Book Title: Proceedings and papers of National Seminar on Jainology
Author(s): Yugalkishor Mishra
Publisher: Research Institute of Prakrit Jainology & Ahimsa Mujjaffarpur
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महावीर और बुद्ध के जीवन और उनकी चिन्तन-दृष्टि
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लेते हैं । विवाह के पूर्व दोनों के ही जीवन में एक दूसरे से मिलती-जुलती घटनाएँ घटती हैं। महावीर और सिद्धार्थ दोनों के जीवन में वैराग्य के भाव उठते रहे थे, फिर भी माता-पिता का मान रखने के लिए दोनों का विवाह होता है । महावीर की पत्नी का नाम 'यशोदा' है तो सिद्धार्थ कुमार की पत्नी का नाम 'यशोधरा' । दोनों ही कुलीन सामन्त परिवार की थीं। दोनों ही नामों और उनके अर्थों में भी अतिशय समानता है। जैनधर्म के श्वेताम्बर ग्रथों में महावीर-यशोदा के विवाह का उल्लेख तो है, पर दिगम्बर-सम्प्रदाय में महावीर को अविवाहित माना गया है। पद्मपुराण, पउमचरिय आदि जैन ग्रथों में महावीर के महाभिनिष्क्रमण की वेला में उनके लिए 'कुमार' शब्द का प्रयोग किया गया है।६ 'कुमार' शब्द से यह शंका उठती है कि इन तीर्थंकरों ने कौमार्यकाल में महाभिनिष्क्रमण किया। दिगम्बर-सम्प्रदाय की धारणा है कि महावीर वर्द्धमान ने अविवाहित अवस्था में दीक्षा के लिए गृहत्याग किया, परन्तु बुद्ध के जीवन के प्रभाव की छाया में ही सभवतः श्वेताम्बर-सम्प्रदाय के विद्वानों ने महावीर वर्द्धमान के विवाह की परिकल्पना की और उनकी पत्नी का नाम भी तदनुरूप 'यशोदा' रखा। महावीर के विवाहित या अविवाहित अवस्था में दीक्षा लेने के प्रश्न पर दोनों ही सम्प्रदायों में मतभेद है। मेरी ऐसी धारणा है कि कल्पसूत्र में प्रयुक्त ‘भारिया जसोया कोडिण्णा गुत्तेणं' से ही महावीर के विवाहित होने का आधार बनता है । सम्भव है, कुमारावस्था में ही दीक्षा के लिए उन्होंने निष्क्रमण किया हो। सिद्धार्थ कुमार के विवाह के सम्बन्ध में किसी प्रकार की कोई भ्रान्त धारणा नहीं है । जब ज्ञान की तलाश में निकले, तब वे विवाहित थे और उन्होंने महाभिनिष्क्रमण उस दिन किया, जिस दिन उनका पुत्र राहुल उत्पन्न हुआ। जिसे उन्होंने बाद के वर्षों में छह वर्ष की अल्पायु में ही 'धर्म' की शरण में प्रतिष्ठित किया। श्वेताम्बर जैन परम्परा के अनुसार महावीर वर्द्धमान की एक पुत्री प्रियदर्शना थी, जिसके विवाह का भी उल्लेख उनकी बहन के पुत्र जमालि के साथ हुआ है। बाद के वर्षों में प्रियदर्शना ने भी महावीर की प्रधानशिष्या आर्या चन्दना के साथ श्रामण्य जीवन को स्वीकार किया। दोनों ही महापुरुषों की सन्तानों के श्रामण्य को स्वीकार करने में समानता है, वहाँ उनकी पत्नियों के श्रामण्य जीवन के स्वीकार करने के सम्बन्ध में अन्तर है। यशोधरा वैशाली में महाप्रजावती गौतमी के साथ बौद्धधर्म और संघ की शरण में गई, पर महावीर की पत्नी यशोदा के बारे में ऐसा कोई उल्लेख नहीं मिलता। इसीलिए इस धारणा को बल मिलता है कि उन्होंने अविवाहित अवस्था में ही महाभिनिष्क्रमण किया हो। महाभिनिष्क्रमण :
महाभिनिष्क्रमण दोनों ही महापुरुषों के जीवन की अत्यन्त मार्मिक घटना है, किन्तु परम्परानुसार दोनों की इस घटना को लेकर थोड़ा अन्तर तो है ही। महावीर वर्द्धमान
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