Book Title: Adhyatma Rahasya
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

View full book text
Previous | Next

Page 38
________________ ३८ NA RESS ५५] प्रशा सन्मति-विद्या-प्रकाशमाला विषय पृष्ठ | विषय पृष्ठ मुक्ताहारके रूपमें आत्म-भावना ५० जीवन्मुक्तिकी ओर अग्रसरता ६८ आनन्द-स्वरूपका स्पष्टीकरण ५१ त्रिविधकर्मके त्यागकी भावना ६६ आत्म-विकासका क्रम भावकर्मका स्वरूप आत्माकी एकाऽनेकता द्रव्यकर्मका स्वरूप आत्मसंस्कारका उपाय नोकर्मका स्वरूप परंज्योतिका स्पष्टीकरण हेय और उपादेयका विवेक ७३ आत्माके द्वारा आत्माका अहंकार-भवितव्यताके त्यागदर्शन कब होता है ग्रहणकी प्रेरणा ७६ आत्मानुभूतिका उपाय ५६ अहकार को निःसारता और स्वात्माधीन आनन्द वचनके । भवितव्यताके आश्रय-ग्रहण अगोचर है की दृष्टिका स्पष्टीकरण ७७ पिछली भूलका सिंहावलोकन ५७ | व्यवहार और निश्चय भूल-भ्रान्तिकी निवृत्ति पर सम्यग्दर्शनका स्वरूप ८५ आनन्दका अनुभव ६० निऔरव्य०सम्यग्ज्ञान-स्वरूप ८६ तत्त्वज्ञानादिसे व्याप्त चित्तकी इन्द्रिय-दशा ६१ | सविकल्पज्ञानका स्वरूप ८६ स्वानुभूति-वृद्धि के लिये भावना ६३ द्विविधसम्यक्चारित्रका स्वरूप ८७ शुद्धोपयोगका क्रम-निर्देश ६४ उभयरूप रत्नत्रयके कल्याणअशुभसे निवृत्ति और शुभमें | कारित्वकी घोषणा प्रवृत्तिके बिना व्यवहार- हृदयमे परब्रह्मरूपके स्फुरणकी चारित्र भी नहीं बनता ६५ | __भावना त्रिविध उपयोगका स्वरूप ६५ | अन्त्य-मंगल-कामना ६२ शुद्धात्मकी भावनाका फल ६६ अध्यात्मरहस्यकी पद्यानुक्रमणी ६३ शुद्धात्मस्वरूपमें लीन योगीकी निर्भयता ६७ व्याख्यामें उद्धृत-वाक्योंकी परमानन्द-मग्न योगी बाह अनुक्रमणी दुःखोंसे खिन्न नहीं होता ६८ | व्याख्यामें सहायक ग्रन्थ-सूची ६६

Loading...

Page Navigation
1 ... 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137