Book Title: Adhyatma Rahasya
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 132
________________ K सन्मति -विद्या- प्रकाशमाला अन्त्य - मंगल कामना सद्गुरु वीर - समन्तभद्र प्रणम् सुखदाई, जिनकी भक्ति - प्रसाद रुचिर - व्याख्या बन आई । आशा घर निजहत पढ़ें सुनहें जो भाई, श्रात्म-सुनिधि पहिचान रमें निजमें हर्पाई ॥१॥ यथाशक्ति युगवीरने, श्रागमके अनुसार । व्याख्या श्रात्म-रहस्यकी, रची स्व-पर-हितकार ॥२॥ इति श्री आचार्यकल्प - पंडित - श्राशाघर - विरचितं अध्यात्मरहस्याऽपरनाम - योगोद्दीपनशास्त्रं हिन्दी - व्याख्या- मंडितं समाप्तम् ।

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