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दादागुरु देव पूजा संग्रह (तर्ज-म आया तेरे द्वार पर कुछ लेकर जाऊँगा) श्रीगुरु सुमनस् सेवना, नित कीजे विविध प्रकार । हैं जिनदत्त सूरीश्वरु, गुरु सुमनस् शिव दातार ॥ टेर ॥ ग्यारहसौ बत्तीस में, धवलकानगर मझार । हुम्बड़कुल आकाशमें, जो प्रकटे शुभ दिनकार ॥
श्री गुरु सुमनस् ॥१॥ वाछिगसा मन्त्री श्रीमती, वाहड़दे गुण भण्डार । धन्य धन्य जगमें हुए जसु, मात-पिता जयकार ।।
श्री गुरु सुमनस् ॥२॥ श्रीधर्मदेव पाठक से दीक्षा, शिक्षा लेकर सार । लघुवय इकतालीसमें, हुए सोमचन्द्र अनगार ।।
श्री गुरु सुमनस् ॥३॥ उपस्थापना वाचना. गुरुमन्त्र विशेष प्रकार । दें अशोकचन्द्र हरिसिंह वर आचार्य विशुद्धाचार ॥
श्री गुरु सुमनस् ॥ ४ ॥ जब स्वर्ग सिधारे श्रीगुरु-जिनवल्लभ जगदाधार । श्रीदेवभद्र आचार्य ने, तब करके खूब विचार ।।
श्री गुरु सुमनस् ॥ ५॥ युगप्रधान पद योग्य हैं श्रीसोमचन्द्र अनगार। जान यही उनका किया मूरिपद का संस्कार ॥
श्री गुरु सुमनस् ॥ ६ ॥
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