Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee

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Page 47
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दादागुरु देव पूजा संग्रह ३६ ७-नैवेद्य पूजा। दहा मन-मोदक मधुरातमा, श्रीसद्गुरु महाराज । पूजो नित नैवेद्य से, पाओ शिवपुरराज ॥ (तज-तुम्हारे पूजन को भगवान् बना मन मंदिर आलीशान ) गुरु मणिधारी वांछितदान । करें नित पूजो चतुर सुजान ।। टेर । जिनकी महिमा अपरंपारी, जीवन घटना जय जयकारी । श्रवण कर पीलो अमृतपान, भरे बल औजस पुण्यप्रधान ॥ गुरु मणिधारी वांछितदान० ॥१॥ विचरते मणियाले मुनिनाथ, संघ सेवा में रहता साथ । पधारे गांव सु बोरसिदान,म्लेच्छ वहँ आये काल समान ॥ गुरु मणिधारी वांछितदान० ॥ २ ॥ डरो मत धीर बनो नरनार ! तुम्हारे सद्गुरु हैं रखवार। देकर यह आश्वासन दान, सुरेखा खींची किला-समान ।। गुरु मणिधारी वांछितदान० ॥३॥ पापी म्लेच्छ हुए गुमराह, गुरु की यौगिक शक्ति अथाह । दिया गुरु ने बस जीवनदान,हुए नर नारी निर्भय प्रान॥ गुरु मणिधारी वांछितदान० ॥ ४ ॥ For Private And Personal Use Only

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