Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee
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दादागुरु देव पूजा संग्रह
श्लोकध्वजानुरूपो वर मार्गवाही,
श्रीजैनचन्द्रो मणिधारिदादा। तदालये भक्तिभरात्मनाह.
मारोपयामि धजमात्मशुद्ध यै ॥
ॐ हाँ श्री अहं परमपुरुषस्य परमगुरुदेवस्य भगंवतः श्रीजिनशासनोद्दीपकस्य नरमणिमण्डित भालस्थलस्य श्रीजिनचन्द्रसूरीश्वरस्य मंदिर शिखरोपरि ध्वजमारोपयामि स्वाहा
कलश
दहा
गर्व तजो सद्गुरु भजो, गौरव बढ़े अपार । गुरु सतसंगी नित बनो, पाओ भवजल पार ॥
(तर्ज-मैं आया तेरे द्वार पर० ) श्रीमणिधारी महाराज, महिमा अपरंपारी है। जिनचंद जागती जोत, जगतमें जय जयकारी है ।टेर॥
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