Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee

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Page 24
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दादागुरु देव पूजा संग्रह मन्त्र-- ॐ ही श्री अर्ह परमपुरुषाय परमगुरुदेवाय भगवते जिनशासनोद्दीपकाय दादा श्रीजिनदत्तसूरीश्वराय अक्षतं यजामहे स्वाहा ॥ ७-नैवेद्य पूजा। दूहा गुरु पूजो नैवेद्यसे, त्रिभुवन जन गुण गाय । अनाहारपद योगत, भूख सभी मिट जाय ।। (तर्ज-बलिहारो बलिहारी बलिहारी० ) उपकारी उपकारी उपकारी दादा गुरु उपकारी, नर नारी पूजो श्रीगुरु भावसे जी ॥ टेर ॥ जोगणियाँ चौसठ आवे, गुरुको छलने के दावे । किन्तु छलागई वे बिचारी ॥ दादा गुरु० ॥१॥ जोर न जब चला, बोलें कर जोरे अबला । हम गुरु दासी तुम्हारी ॥ दादा गुरु० ॥ २॥ ___सात वरदान देवें, गुरु तब छोड़ देवें। हैं गुरु पूरे ब्रह्मचारी ॥ दादा गुरु० ॥ ३॥ विक्रमपुरमें भारी, चारों दिशा में मारी। फैली जब हुई हाहाकारी ॥ दादा गुरु० ॥ ४ ॥ For Private And Personal Use Only

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