Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee

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Page 43
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org दादागुरु देव पूजा संग्रह ( तर्ज - केसरिया थांसुं प्रीत लगी रे सच्चा भावसुं ) जीवन उजियालेपूजो मणियाले गुरुदेवको || टेर || ग्राम नगर पुर पावन करता, गणपतिगुरु जिनचन्दा | जिनशासन परकाशन करते, प्रतिबोधें भवि-वृन्दा रे || जीवन उजियाले ० || १ | त्रिभुवनगिरि मरुकोट बादली, इन्द्रादिक पुर नामी । जिनालयों में कनक कलश ध्वज, करें प्रतिष्ठास्वामी रे ॥ जीवन उजियाले ||२|| Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ० 1 गुरु उपदेशामृत पी श्रावक - व्रत साधु- व्रत 1 भीमपल्ली उच्चा – बब्बेरक आदिपुरों में भारी । उत्सवमय दीक्षा लें गुरु से, नर-नारी अधिकारी रे || जीवन उजियाले ० ||३|| उनमें नरपति भावी पटधर जिनपति थे जयकारी । मत्त वादी - मदमर्दनकारी, नैयायिक अविकारी रे ॥ जीवन उजियाले ० ||४|| ३५ क्षेमन्धर । चैत्यवासी पद्मप्रभसूरि पिता साह गुरु से सुविहित बोध प्राप्त कर, हुआ भक्ति में तत्पर रे ॥ जीवन उजियाले ० ||५|| भविजन, आत्म लीनता धारी । धारें, धन धन वे नर नारी रे || जीवन उजियाले ० ||६| For Private And Personal Use Only

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