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दादागुरु देव पूजा संग्रह
मन्त्रॐ ह्रीँ श्रीँ अहं परम पुरुषाय परमगुरुदेवाय भगवते
श्रीजिनशासनोद्दीपकाय नरमणि मण्डित भालस्थलाय दादा श्रीजिनचन्द्रसूरीश्वराय
जलं यजामहे स्वाहा ।।
२–चन्दन पूजा।
दूहाकेसर रंग सुगंधगुण-कपूर उज्ज्वल योग ।
गुरु चन्दन भवतापहर-पूजे धन भविलोग ।। (तजे-भीनासर स्वामी अन्तरजामी तारो पारसनाथ राग-माड) सद्गुरु मणियाले जगउजियाले ताप मिटावनहार टेर। विक्रम पुरमें बालकपन में, सद्गुरु खेलें खेल । परिजन पुरजन के मन होती, सुख की रेलपेल रे ।।
सद्गुरु मणियाले० ॥ १ ॥ परम प्रभावकता की झाँकी, कर पाते भविलोक। रोग शोक सन्ताप भूलकर. होते भाव-अशोक रे।।
सद्गुरु मणियाले० ॥ २ ।
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