Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee

View full book text
Previous | Next

Page 75
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org दादागुरु देव पूजा संग्रह ६७ नवतत्व बोध विस्तारी, समझावें गुरु उपकारी । हेयादिक भाव विचारी, गुरु की जाउ मैं बलिहार || जिन कुशल || ३ || षड् द्रव्य यथारथ तत्त्वे, जड़ चेतन पावन सत्त्वे । सुविवेक रहा सम्यक्त्वे, गुरुकी जाउ मैं बलिहार | जिन कुशल ॥ ४ ॥ मिथ्यात्वतिमिर भर नासे, आतमगुणपुण्य प्रकाशे । श्रीसद् गुरुबोध विलासे, गुरुकी जाउ मैं बलिहार | जिन कुशल || ५ || गुरु रवि शशि दीपक जैसे, गुरु सुरमणिसुरतरुजैसे | गुरुसागर सुरगिरि जैसे, गुरुकी जाउ मैं बलिहार || जिन कुशल || ६ || गुरु आसातनको टाली, गुरु आज्ञा जिसने पाली । उसने गुरु पदवी पाली, गुरुकी जाउ' मैं बलिहार | जिन कुशल ॥ ७ ॥ गुरु सुखसागर भगवाना, गुरु जगमें युग परधाना । 'हरि' सेवो शुद्ध विधाना गुरुकी जाउं मैं बलिहार ॥ जिन कुशल ॥ ८ ॥ ( काव्यम् ) सुधासमान प्रतिबोधकारी दादाभिधानः कुशलाख्यसूरिः || Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115