Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee

View full book text
Previous | Next

Page 49
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दादागुरु देव पूजा - संग्रह तत्पादपद्मद्वितयं यजेऽहं, सन्मोदकाद्य मधुरात्मभावः ॥ मन्त्र ॐ ह्रीं श्रीं अर्ह परम पुरुषाय परमगुरुदेवाय भगवते श्रीजिनशासनोद्दीपकाय नरमणि मण्डित भालस्थलाय दादा श्रीजिनचन्द्रसूरीश्वराय नैवेद्यं यजामहे स्वाहा ॥ For Private And Personal Use Only ४१ - फल पूजा । दूहा -- सद्गुरु सेवा मधुर फल, जो चाखें नर नार । जनम मरण को मेटकर, हो जाते भवपार || (तर्ज- शुं कहू कथनी म्हारी राज शुं कहू कथनी म्हारी ) चरण कमल बलिहारी नाथ ! जाऊं हे मणिधारी । पूजा फल अधिकारी नाथ ! पाऊ हे मणिधारी ॥ ढेर || धन्य धरातल धन्य घड़ी वह, विचरते जब स्वामी । दरशन धन धन वे नर पाते, जो होते शिवगामी || नाथ चरण कमल वलिहारी जाऊ हे मणिधारी नाथ ॥ १ ॥

Loading...

Page Navigation
1 ... 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115