Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee

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Page 21
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रथम दादागुरु देव पूजा गुरु ने फरमाया जाओ, राजा राठोड़ बनाओ। नीति-बल-गुण-आकारे, सीहोजी दुख विदारे । पूजो २ परम गुरु० ॥ ५ ॥ सीहोजी कनोज से आवें, श्रीगुरु को शीश नमावें । गुरु दे आशीष अपारे, घरे तब विजय नगारे । पूजो २ परम गुरु० ॥ ६ ॥ पाली में जंग जमावं, सीहोजी बल दिखलावें । गोहिल डांभी सब हारें, राठोड़ विजय विस्तारें ॥ ___ पूजो २ परम गुरु० ॥ ७ ॥ सीहोजी अव्यावाधे, नवकोटी मरुधर साधे । गुरु दीपक के उजियारे, अन्धेर सुदूर निवारे ॥ पूजो २ परम गुरु०॥ ८॥ सन्तान जो मेरे होंगे, गुरु खरतर उनके होंगे। सीहोजी प्रतिज्ञा धारें, गुरु पूर्जे विविध प्रकारे ॥ पूजो २ परम गुरु० ॥६॥ गुरु सुखसागर भगवाना, सेवो भवी भव्यविधाना । सुर"गणनायक हरि" हारे, गुण-कीरति वचन विचारे॥ पूजो २ परम गुरु० ॥१०॥ श्लोकपुष्यत्तमोभर--निवारण कारणाय ज्योतिः प्रदीप्त परमोज्ज्वल सद्गुणाय For Private And Personal Use Only

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