Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee

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Page 25
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir A AAAA...--- प्रथम दादागुरु देव पूजा १७ कोई न कार लागे, लोक हैरान भागे। श्रीगुरु शरण मझारी ॥ दादा गुरु० ॥५॥ जैनोंमें प्रकटी साता, हैं गुरु शान्ति दाता । विनोंने विनती उचारी ॥ दादा गुरु० ॥६॥ रक्षा हमारी करो, मारीको दूर करो। हम शिर आज्ञा तुम्हारी ॥ दादा गुरु० ॥ ७ ॥ समकित श्रावकदीक्षा, साधुदीक्षा सुशिक्षा । दें गुरु शान्ति अवतारी ॥ दादा गुरु० ॥ ८ ॥ किये एक लाख पर, तीस हजार वर । गुरु श्रावक गुण धारी ॥ दादा गुरु० ॥ ६ ॥ जैनेतर शुद्धि करते, संघ की वृद्धि करते। श्रीजिनशासन जयकारी ॥ दादा गुरु० ॥ १० ।। समपरिणामी नामी, निन्दक बन्दक में स्वामी। "हरि" कहे जाऊं बलिहारी ॥ दादा गुरु० ॥ ११ ॥ श्लोक ननाधि भोतिकगदादिविमर्दनाय, शश्वद् बुभुक्षितपदोदयवारणाय । नैवेद्यवस्तुभिरनुत्तर-सद्रसाढ्य दोपसंज्ञजिनदत्तगुरुं यजेऽहम् ।। For Private And Personal Use Only

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