Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee
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दादागुरु देव पूजा संग्रह
७६
(स्थापना मन्त्र) ॐ ह्रीँ श्री अर्ह अकबरशाहि प्रतिबोधक युगप्रधान श्रीजिनचन्द्रमरि सुगुरो अत्र त्रिष्ठ ठः ठः ठः स्वाहा ।
(सन्निधिकरण मन्त्र ) ॐ ह्रीं श्रीं अर्ह अकबरशाहि प्रतिबोधक युगप्रधान श्रीजिनचंद्रसूरि सुगुरो ! मम संनिहितो भव वषट् स्वाहा।
मङ्गलाचरण
ॐ अर्ह गुरुदेव हैं, श्रीजिनचन्द्र महान् । अकबर बोधक पूज्यतम, पूजो युग परधान ॥ १ ॥ युग प्रधान जिनचन्द्र की. महिमा अपरंपार । महा महोदय नित करें, सुखसागर विस्तार ॥२॥ श्री जिन वीर परंपरा, गुण रतनों की माल । हैं चिन्तामणि सद्गुरु, दें वांछित तत्काल ॥३॥ सुविहित खरतर साधना, साधक-सिद्ध महान् । चोथे दादा चन्द को, पूजो विविध विधान ॥ ४ ॥
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