Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee

View full book text
Previous | Next

Page 87
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दादागुरु देव पूजा संग्रह ७६ (स्थापना मन्त्र) ॐ ह्रीँ श्री अर्ह अकबरशाहि प्रतिबोधक युगप्रधान श्रीजिनचन्द्रमरि सुगुरो अत्र त्रिष्ठ ठः ठः ठः स्वाहा । (सन्निधिकरण मन्त्र ) ॐ ह्रीं श्रीं अर्ह अकबरशाहि प्रतिबोधक युगप्रधान श्रीजिनचंद्रसूरि सुगुरो ! मम संनिहितो भव वषट् स्वाहा। मङ्गलाचरण ॐ अर्ह गुरुदेव हैं, श्रीजिनचन्द्र महान् । अकबर बोधक पूज्यतम, पूजो युग परधान ॥ १ ॥ युग प्रधान जिनचन्द्र की. महिमा अपरंपार । महा महोदय नित करें, सुखसागर विस्तार ॥२॥ श्री जिन वीर परंपरा, गुण रतनों की माल । हैं चिन्तामणि सद्गुरु, दें वांछित तत्काल ॥३॥ सुविहित खरतर साधना, साधक-सिद्ध महान् । चोथे दादा चन्द को, पूजो विविध विधान ॥ ४ ॥ For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115