________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
दादागुरु देव पूजा संग्रह
८५
नृप नगर जेशलमेर धन धन सूरिगुणप्रभ वेगडा | माणिक्य गुरु पद धन्य धन जिनचंद्र गुरु गुणमें बड़ा || 'हरि' चंदन पूजा भाव जयो । गुरु चंद सुचंदन रूप जयो ॥ ६ ॥
श्लोक
दिल्हीश्वराकबरबोधि-युगप्रधान,
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
दादाभिधानसुगुरोर्जिनचन्द्रसूरेः ।
पादारविन्दयुगलं वरचन्दनेन,
सद्वन्दनानतमनाः सततं यजेऽहम् ॥
मन्त्र
ॐ ह्रीँ श्रीँ अहं परमपुरुषाय परमगुरुदेवाय भगवते श्रीजिनशासनोद्दीपकाय पादशाह अकबर प्रतिबोधकाय युगप्रधान श्रीजिनचन्द्रसूरीश्वराय चन्दनं यजामहे स्वाहा ।
३ – पुष्प पूजा ।
दूहा -
द्रव्य भाव विकशित विमल - मंजुल गुरु पद फूल | नित फूलों से पूजियें - सुर- शिवसुख अनुकूल |
For Private And Personal Use Only