Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee

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Page 71
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दादागुरु देव पूजा संग्रह गुरु दीपक कुशल सूरीश्वर ने ॥ अज्ञान तिमिर० ॥६॥ छत्तीस महागुण धारक हो, दुर्गुण सब दूर भगा करके। शुभ काम नाम अनुसार किये, गुरु दीपक कुशल सूरीश्वर ने ॥ अज्ञान तिमिर० ॥ ७॥ गुरु दीपक पूजा करते हैं, भव वन में वे न भटकते हैं। 'हरि' मार्ग बताया उन्नति का, गुरु दीपक कुशल सूरीश्वर ने ॥ अज्ञान तिमिर ॥ ८॥ ( काव्यम्) यो दीपकोऽज्ञानतमोऽपहारी, दादाभिधानः कुशलाख्य-सूरिः तत्पाद-पद्म-द्वितयं नमामि, सद्दीप-पूजां विदधे सुभक्त्या । ॐ ह्रीँ श्रीँ अहं परम पुरुषाय परम गुरुदेवाय भगवते जिन शासनोद्दीपकाय श्री जिन कुशल सूरीश्वराय दीपं यजामहे स्वाहा । For Private And Personal Use Only

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