Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee
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दादा गुरुदेव पंज्ञा सग्रह ""
श्लोक
दिल्हीश्वराकबर बोधि-युगप्रधान दादाभिधान सुगुरोर्जिनचन्द्र सूरेः ।
पादारविन्द युगलं परमं पवित्र,
सद्वस्त्रढोकन परोऽनुदिनं यजेऽहम् ॥
मन्त्र
ॐ ह्रीँ श्रीँ अर्ह परम पुरुषाय परम गुरुदेवाय भगवते श्रीजिनशासनोद्दीपकाय अकबर सम्राट प्रतिबोधकाय युगप्रधान श्रीजिनचन्द्रसूरीश्वराय वस्त्रं यजामहे स्वाहा
१०- ध्वज पजा ।
दूहा
द्रव्य भाव ध्वज रूप हैं.... सद्गुरु शासन गेह | ध्वज पूजा कर भविक जन-जन म सफल विधि एह ।। ( तर्ज - तीरथ नी आशातना नवि करिये ) सद्गुरु की कर पूजना भवि भावे, हारे गुरु पावन पदवी पावे । हांरे गुरु ज्ञान कला प्रकटावे, हांरे आसातना टार स०||टेर । !
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