Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee

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Page 41
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir A .A n ...-.- -. दादागुरु देव पूजा संग्रह ३३ भावी सूचना विशद विधानी, योग-ज्ञान बल दिव्य निशानी, सावधानता की थी वानी, गुरु का महा उपकारा । पूजा से पाते भवी० ॥ ४ ॥ बारह सो ग्यारह आषाढी, देव शयनि ग्यारह गुणगाढे, प्रभुक्ति चितमें अति बाढी, गुरुदत्त स्वर्गे सिधारा। पूजा से पाते भवी० ॥ ५ ॥ सदगुरु का मरणा भी जीना, हम को देता बोध प्रवीना, करो आत्म-करतव्य अदीना, गुरुदत्त बोध उचारा । पूजा से पाते भवी० ॥६॥ गुरु ज्योति तब गुरु में प्रकटी, उदासीनता झटपट विघटी, संचालन की शासन - शकटी, गुरु बल तेज उदारा। पूजा से पाते भवी० ॥७॥ गच्छपति गुरु श्रीजिनचन्दा, तेज तिरस्कृत सूरज चन्दा, संघ चतुर्विध में आनंदा, फला सुवास अपारा। पूजा से पाते भवी० ॥ ८॥ For Private And Personal Use Only

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