Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee
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दादागुरु देव पूजा संग्रह
कलश
दहा--- सद्गुरु-पद-परतंत्रता, निजस्वतंत्रताहेतु । पूजन कर आराधिये गुरु भवजल निधिसेतु ॥
(तर्ज-तुम्हें नाथ नैया तिरानी पड़ेगी ) गुरु तुम्हें नैया तिरानी पड़गी
तिरानी पड़ेगी तिरानी पड़ेगी गुरु तुम्हें नैया तिरानी पड़ेगी । टेर ॥
स्वर्गसिधारे खेवनहारे। पर संघ-नैया तिरानी पड़ेगी ॥ गुरु० १ ॥
सुखमरिकी समयसुन्दरकी। नैया के जैसे तिरानी पड़ेगी || गुरु० २ ॥
बोथर गुजरमलकी जैसे। नैया हमारी तिरानी पड़ेगी ॥ गुरु० ३॥ ___ लखमीपति दूगडकी जैसे। विपति हमरी मिटानी पड़ेगी || गुरु० ४ ।।
केइ हजारों भक्त उवारे । बाँह हमारी पकड़नी पड़ेगी ।। गुरु० ५ ॥
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