Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee

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Page 17
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रथम दादागुरु देव पूजा नामकरण जिनदत्त सूरि, सद्गुण के अनुसार । जपते दुख दूरे टले, सुख होवे अपरम्पार ।। श्री गुरु सुमनस् ॥ ७॥ गुरु सुमनस् सौरभका हुआ, तिहुँ लोकमें पुनितप्रचार । गुरु सुमनस पूजा कीजिये, ‘हरि' सुमनस् हो नरनार ।। श्री गुरु सुमनस् ॥ ८॥ श्लोकसत्सौरभाय सुकुमार गुणाय दीव्यद् रूपाय कान्त सुमनः पद दर्शनाय । प्रेङ खत्सुगन्धसुमनोभिरभिष्ठदेवं दादोपसंज्ञजिनदत्तगुरु यजेऽहम् ॥ ॐ ह्रीँ श्री अर्ह परम पुरुषाय परम गुरुदेवाय भगवते जिनशासनोद्दीपकाय दादा श्रीजिनदत्त सूरीश्वराय पुष्पं यजामहे स्वाहा । ४-धूप पूजा। दूहासद्गुरु पूजो धूप से, वरते मंगल माल । काल अनादि कुवासना, दूर करें तत्काल ।। For Private And Personal Use Only

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