Book Title: Tiloy Pannatti
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Jaina Siddhanta Bhavana

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Page 13
________________ तिलोयपण्णत्तो वोच्छामि लयलईए' भव्यजणाणंदर सरसं जणाणं । जिणमुहकमलविणिग्गयतिलोयपण्णत्तिणामाए ॥१०॥ जगसेढिघणपमाणे लोयायासो सपंचवरिदी । एस अणंताणंतालोयायासस्स बहूमज्झे ॥१॥ १६ ख ख ख। जीवा पोगलधम्माधम्मा काला इमाणि दव्वाणि । सव्वंलोयायासे उवट्ठिया २ य पंच चरति ॥१२॥ एस्तो सेढिस्स घणपमाणाण णिण्णयरं परिभासा उच्चदे,पल्लसमुद्दे उवमं अंगुलयं सूइपदरघणणामं । जगसेढि लोयपदरो अलोय अट्ठपमाणाणि ॥३॥ प०१। सा० २। सू०३। म०४ । ध० ५। ज०६ । लोकप्र० ७ । लो० ८ । ववहारुद्धारद्धा तियपल्ला पढमर्याम्म संखाऊ। विदिए दीवसमुद्दा तदिए मिज्जेदि कम्मठिदी ॥४॥ खंदं सयलसमत्थं तस्स य अद्धभणंति देसो ति। अद्धद्धच पदेसो अविभागी होदि परमाणु ॥१५॥ सत्येण सुतिक्खेण यच्छेत्तुं ण जं किरस्सका। जलयणलादिहिं णासं ण एदि सा हादि परमाणु ॥६६॥ एक्करसवरणधं दो पासा सद्दकारणमसद्द। खंदंतरिदं दव्वं तं परमाणु भणंति बुधा ॥९॥ अंतादिमझहीणं अपदेसं इंदिपहिं ण हु गेझ' । जं दवं अविभत्तं तं परमाणु कहंति जिणा ॥८॥ पूरति गलंति जदो पूरणगलणेहि पोग्गला तेण । परमाणु च्चिय जादा इय दिह "दिट्टिवादम्हि ॥६६॥ वण्णरसगंधफासे पूरणगलणाइ सव्वकालम्हि। खंदं पिव कुणमाणा परमाणु पुग्गला तम्हा ॥१०॥ _I Marginal note-नयविशेषं लयम् ; 2 AB आधूड्य; 3 च+छेत्तु; 4 किल+शक्या,sis corrupt; 5 AB सोझ,-S has lost the letter; 6s परमाण; 7 A दिट्ट, s दिहें।

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