Book Title: Tiloy Pannatti
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Jaina Siddhanta Bhavana
View full book text
________________
तिलोयपपणत्ती
सगसगपुढविमयाणं संखासखेजकंदरासिम्मि । इंदयसेलिविहीणे कमसो सेसो पइराणए उभयं ॥१०॥
५६६६ । ६७ । अ २३६५६८० । संखेजवासजुत्ते णिरयबिले होंति णारया जीवा । संखेजा णिश्रमेणं इदरम्मि तहा असंखेज ॥१०५॥ पणदाललक्खाणि पढमो चरिमिंदओ वि इगिलक्ख। उभयं सोहिय एकोणिदयभजिदम्मि हाणिचयं ॥१०६॥
४५००००० । १०००००। छावद्विच्छस्सयाणिं इगिणउदिसहस्सजोयणाणि पि। दुकलाओ तिविहत्ता परिमाणं हाणिवड्डीए ॥१०॥
६१६६६।२।
बिदियादिसु इत्थं तोरूऊणिच्छाइ(१) गुणिंदखयवड्डी। सीमंता दो सेढी अ मेलिज्ज सुअवधिठाणं ॥१०॥ रयणप्पहअवणीप सीमंतयईदयस्स वित्थारो। पंचत्तालंजोयणलक्खाणि होदि णियमेण ॥१०९॥
४५०००००। चोद्दालं लवखाणिं तेसीदि सयाणि होति तेत्तीसं। एक्ककला तिविहप्ता हिरदयरुदपरिमाणं ॥११०॥
४४०८३३३ । १।
तेदालं लवखाणं छस्सयसोलससहस्सच्छासही। दुतिभागो वित्थारा' रोरुगणामस्स णादवो ॥११॥
... - ४३१६६६६।२।
....... पणुवीससहस्साधियजोयणबादाललक्खपरिमाणो । भत्तिदयस्स भणिदो वित्थारो पढमपुढवीए ॥११२॥
४२२५०००। I वित्यारो (१)

Page Navigation
1 ... 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124