Book Title: Tiloy Pannatti
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Jaina Siddhanta Bhavana
View full book text
________________
तिलोयपण्णत्तो
वदन
अंतरस्स
२८८
वग्गजुदं
३६२
मूलं इदं
३६२
पुरिमूल
२८८
चयभजिदं
१०४
पट
१३८ चउवीसं लक्खाणि य सत्ताणवदी सहस्सतिसयाणि । पंचुत्तराणि होति दु पइएणयां विदियखोणीए ॥ १०॥
१०४ । २४९७३०५। चोइसए जाणि तहा अट्ठाणउदीसहस्सपंचसया । पंचदसेहि जुत्ता पइराणया तदियवसुहाए ॥ ११॥
१४ ६८ ५१५। णवलक्खा णवणउदीसहस्सया दोसयाणि तेणउदी । तुरिमाए बसुमइए पइण्णयाणं च परिमाणं ॥ १२ ॥
__E६६२६३। दो लक्खाणि सहस्सा णवणउदी सगसयाणि पणुतीसं। पंचमवसुधायाए पइण्णया होति णियमेण ॥ ३ ॥
२६६७३५ । अट्ठासट्ठीहीणां लक्खं छट्ठीइ मेइणीए वि। अषणीए सत्तमिए पदण्णया णत्थि णियमेण ॥ ६४ ॥
६६६३२।

Page Navigation
1 ... 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124