Book Title: Tiloy Pannatti
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Jaina Siddhanta Bhavana
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तिलोयपएणत्ती
णियणियइंदयसेढीबद्धाणं पइण्णयाण बहलाणिं। . णियणियपदरपवरिणदसंखागुणिदाण लद्धरासी य ॥१६॥ पुबिल्लयरासीणं मज्मे' तं सोहिऊण पत्तेक। एक्कोणणियणियइंदयचउगुणिदेणं च भजिदव्वं ॥१६२॥ लद्धो जोयणसंखा णियणियणेयातपण मुट्ठण । जाणेज परट्ठाणे किंचूणयरज्जुपरिमाणं ॥१६३॥ सत्तमखिदीय बहले इंदयसेढीण बहलपरिमाणं । सोधिय दलिदे हेहिमउवरिमभागा हवंति पदाणं ॥१६॥ पढमखिदीयवणीणं रुदं सोहेज एक्करज्जए। .. जोयणतिसहस्सजुदे होदि परं ठाणविञ्चालं ॥१६५॥ दुसहस्सजोयणादियरज्जू तदियादिपुढविरुदूणं । छट्टो त्ति परिहाणे विश्वालपमाणमुद्दिट्ट ॥१६६।। सयकदिऊरूणद्ध रज्जुजुदं चरिमभूमि दूणं । मघविस्स चरिमइंदयअवधिट्ठाणस्स विश्चालं ॥१६७॥ णवणवदिजुदचदुस्सयच्छसहस्सा जोयणाईबे कोसा। एक्कारसकलबारसहिदा य घम्मिंदयाण विश्वालं ॥१६८॥
६४६६ को २ । ११ ।।
१२
रयणप्पहचरमिंदयसकरपुढविदयाण विचालं । दोलक्खणवसहस्सा जोयणहीणेकरज्जू य ॥१६९॥
* रिण। जो २०९०००/ पक्कविहीणा जोयणतिसहस्सा धणुसहस्सचत्तारि । सत्तसयावंसाए एक्कारसइंदयाण विचालं ॥१७॥
२९९९ । दंड। ४७००। एक्का हवेदि रज्जू छव्वीससहस्सजोयणविहीणा । धणलोलुगस्स तत्ति इंदयदो होदि विश्वाले ॥१७॥
७। रिण । २६०००। तिगिण सहस्सा दुसया जोयण उणवण्ण तदियपुढवीए | पणतीससयधणूणि पत्तेक इंदयाण विश्वालं ॥१७२॥
३२४९ । दंड । ३५००। I AB Opparet; 2. A has lost some nịne verses here,

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