Book Title: Tiloy Pannatti
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Jaina Siddhanta Bhavana
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तिलोयपएणती
बारसजोयणलक्खा तु रमाए वसुंधराय वित्यारो। तभंतयस्स दो णिहिट सव्वदरिसीहि ॥१४५॥
१२०००००। एकादसलक्खाणि अट्ठसहस्साणि तिसयतेत्तीसा। एक्ककला तुरिमाए महिए तमगस्स वित्थारो॥१४६॥
११०८३३३ । १।
सजोयणलक्खाणिं छस्सयसोलससहस्सछासट्ठी। दोषिण कला तुरिमाए बादिदयवासपरिसंखा ॥१४॥
१०१६६६६।२।
पणवीससहस्साधियणवजोयणसयसहस्सपरिमाणा । तुरिमाए खोणीए खलखलणामस्स वित्थारो॥१४८॥
६२५००० लक्खाणि अट्ट जोयण तेत्तीससहस्सातिसयतेत्तीसा। एककलातमयंदयवित्थारो पंचमधराए ॥१४९॥
८३३३३३।१।
सगजोयणलक्खाणिं इगिदालसहस्सछसयकासट्ठी । दोगिण) कला भमइंदयरुंदो पंचमधरित्तीए ॥१५॥
- ७४१६६६ । २।
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छजोयणलक्खाणिं पण्णाससहस्ससमधियाणिं च । धूमप्पहावणीए झसइंदयरुंदपरिमाणा ॥१५१॥
लक्खाणि पंचजोयण अडवण्णसहस्सतिसयतेत्तीसा। पक्ककलायंदिदिय वित्थारो पंचमखिदीए ॥१५२॥
५५८३३३ ।।१।
। वसुंधराए (2); S तज्झतयस्स ; 2 A एककलादिदिव।
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