Book Title: Tiloy Pannatti
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Jaina Siddhanta Bhavana

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Page 66
________________ तिलोयपण्णत्तो ध ४९, अं७२ तेवण्णा चावाणिं दो हत्था अट्ठताल पव्वाणि । सप्तहिदाणिं उदयो दमगिंदयसठियाण जीवाणं ॥२५८॥ . ध ५३, ह २, ४८ अट्ठावण्णा दंडा सत्तहिदा अंगुला य चउवीसं । बादिदयंमि तुरिमाखोणीए णारयाण उच्छेहो ।२५९॥ ध ५८, २४ बासट्ठी कोदंडा हत्थाइ दोगिण तुरिमपुढवीए । चरिमिंदयंमि खलखलणामारणारयाण उच्छेहो ॥२६०॥ दं ६२, ह २। बारस सरासणाणिं दो हत्था पंचमीए पुढवीए । खयवड्डीए . पमाणं णिहिट्ट वीयरापहिं ॥२६१॥ पणहत्तरिपरिमाणा कोदंडा पंचमीए पुढवीए। पढमिंदयंमि उदओ तमणामे संठिदाण जीवाणं ॥२६२॥ दं ७५।सत्तासीदी दंडा दो हत्था पंचमीए खोणीए। पडलंमि य भमणामे णारयजीवाण उच्छेहो ॥२६३॥ दं ८७, ह २। एक्कं कोदंडसयं झसणामे णारयाण उच्छेहो। चावाणि बारसुत्तरसयमेक्कं अंधयंमि दो हत्थो ॥२६॥ दं १०० । दं ११२, ह २। एक्कं कोदंडसयं अभहियं पंचवीसहवेहि। - धूमप्पहाए चरिमिदयंमि तिमिसयंमि उच्छेहो ॥२६५॥ दं १२५ । एकतालं दंडा हत्थाई दोणि सोलसंगुलया । छट्ठीए वसुहाए परिमाणं हाणिवड्डीए ॥२६६॥

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